Hindi, asked by parshparsh737, 4 months ago

कहानी में किस शहर को मनाने की तैयारी चल रही थी ​

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Answered by kalivyasapalepu99
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पुलिस विभाग ने बनाई सूची, क्षेत्रों में तैनात रहेगा पुलिस बल

भास्कर संवाददाता | सनावद

23 मार्च को शहर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में हाेली पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। पर्व को लेकर पुलिस विभाग ने तैयारियां पूरी कर ली है। शहर में 25 व अासपास के ग्रामीण क्षेत्रों में 23 जगह होलिका दहन होगा। थाना प्रभारी विनाेद सोनी ने हाेलिका दहन होने वाले क्षेत्रों की सूची बनाई है। यहां पुलिस जवान तैनात रहेंगे।

होली पर्व को लेकर बाजार भी सज गया है। होली के लिए लोगों ने अभी से खरीदी करना शुरू कर दी है। बाजार में रंग-बिरंगे रंगों के साथ शक्कर से बने मीठे हार कंगन बाजार की रौनक बढ़ा रहे हैं। पुलिस विभाग द्वारा बनाई गई सूची में होलिका दहन वाले क्षेत्र का नाम, व्यवस्थापक का नाम, मोबाइल नंबर, दहन के दौरान मौजूद लोगों की संख्या सहित अन्य जानकारियां जुटाई गई है। शहर के इनपुन भोगांवा माता मंदिर, संजय नगर, त्रिकोण चौराहा, इनपुन सूतमिल, चांदनीपुरा, गुरुनानक मार्ग, वाल्मिकी मोहल्ला खंडवा रोड, भील मोहल्ला, तहसील रोड, दरबार मोहल्ला, आजार रोड, सुभाष चौक, जरदार चौक, तमोली मोहल्ला, मोरटक्का चौराहा, नर्मदा विहार सोलंकी कॉलोनी, पंडित कॉलोनी, एमजी रोड, सत्यनारायण मंदिर एमजी रोड, बुंदेला गली, लाहोटी कॉलोनी, तवडीपुरा, लोधी मोहल्ला, कुम्हार मोहल्ला व बस स्टैंड पर होलिका दहन होगा। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में ढ़कलगांव, अालीखुर्द, चित्रमोड़, बोधगांव, बडूद, भानभरड़, नलवा, टोकसर, बांगरदा, सगडियाव, बासवा, बेड़िया, भोगांवा निपानी, सेल्दा, कानापुर, बकांवा, मर्दाना, भोगांवा सिपानी, माेगांवा, कांकरिया, फनगांव, पीपरीखेड़ा व कातोरा में होलिका दहन होगा।

...इधर, होलिका दहन में ग्रह-नक्षत्रों को लेकर अलग-अलग राय

बड़वाह | होलिका दहन को लेकर इस बार भ्रम की स्थिति बनी हुई है। इसकी वजह ग्रह-नक्षत्रों को लेकर विद्वानों की अलग-अलग राय है। प्रतिवर्ष फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को होलिका दहन के लिए शुभ माना जाता है। चूंकि इस बार पूर्णिमा 22 और 23 मार्च दोनों दिन आ रही है, इसलिए इन दोनों दिनों में से किस दिन होली मनाई जाए इसे लेकर आमजन में असमंजस की स्थित बनी हुई है। दोनों दिनों में पूर्णिमा पर भद्रा काल भी है, जो होलिका दहन के लिए शुभ नहीं समझा जाता है। ज्योतिर्विदों के अनुसार 22 मार्च को दोपहर 3 बजकर 13 मिनट से पूर्णिमा तिथि लग जाएगी। जो अगले दिन 23 मार्च को शाम 5 बजकर 31 मिनट तक चलेगी। इसके बाद प्रतिपदा तिथि लग जाएगी। पंडित प्रीतेश व्यास ने बताया कि फाल्गुन पूर्णिमा में प्रदोष के समय होलिका दहन का विधान और भद्र में होलिका दहन निषेध माना जाता है। यदि पूर्णिमा दो दिन प्रदोष को व्याप्त कर रही हो तो दूसरे दिन प्रदोष काल में होलिका दहन किया जाता है। क्योंकि पहले दिन वहां प्रदोष भद्रा दूषित रहता है, लेकिन इस बार दूसरे दिन भी प्रदोष पूर्णिमा के अंतिम भाग में व्याप्त है। इसलिए शाम के समय होलिका दहन किया जाना उचित है। पंडित प्रीतेश व्यास ने बताया कि कुछ लोगों का मत है कि दिन में और प्रतिपदा में होलिका दहन नहीं किया जाता है। लेकिन उनकी यह आपत्ति तर्कसंगत नहीं है, क्योंकि प्रमाणिक निर्णायक वाक्यों में इसका कहीं भी कोई उल्लेख नहीं मिलता है। इसलिए इस बार होलिका दहन फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा बुधवार 23 मार्च को शाम 5 बजे से लेकर 5.30 बजे तक करना श्रेयस्कर होगा। अगले दिन 24 मार्च को धुलेंडी मनाई जाएगी।

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