कहाँ राजा भोज , कहाँ गंगू तेली का वाक्य मे प्रयोग
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कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली मुहावरे का अर्थ इस प्रकार होगा...
कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली —
दो लोगों के बीच बहुत अधिक अतंर होना, दो अलग-अलग हैसियत के लोगों में बिल्कुल समानता ना होना, बेमेल तुलना।
वाक्य प्रयोग — कंपनी के बॉस आजकल विदेश क्या गये हैं, कंपनी के मैनेजर साहब खुद को नही मालिक समझने लगे हैं, कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली।
Explanation:
मुहावरे और कहावत ऐसे वाक्यांश होते है, अपने मूल शब्दों के अर्थ से अलग कोई विशिष्ट अर्थ प्रकट करते हों। मुहावरों या कहावत का प्रयोग करने से किसी बात को कहने का अंदाज बदल जाता है, और वो बात वजनदार हो जाती है।
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Answer:
जब करोड़पति रमेश ने सुधा के सामने शादी का प्रस्ताव रखा तो वह आश्चर्यचकित रह गई और कहा मेरा और तुम्हारा विवाह संबंध नहीं हो सकता क्योंकि कहां राजा भोज कहां गंगू तेली।
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