Hindi, asked by tannu2391, 4 months ago

कहीं तुम्हें कंस न ले ।
सुनते हैं कभी, किसी युग में
पाते ही राम का चरण स्पर्श
शिला प्राणवती हुई।
देखते हैं किन्तु आज
अपने उपास्य के चरणों को छू-छूकर
भक्त उन्हें पत्थर की मूर्ति बना देते हैं
सावधान, भक्तों की टोली आ रही है
पूजा- द्रव्य लिए ।
S
बचो अर्चना से, फूलमाला से
अंधी अनुशंसा की हाला से ।
1 कवि किसे और क्यों सावधान कर रहा है?
2 धृतराष्ट्र का मोह-पाश किसकी ओर संकेत कर रहा है?
3 शिला कैसे प्राणवती हो गयी?
4 कवि ने 'भक्त' सम्बोधन किस के लिए किया है और क्यों?
5 "पत्थरकी मूर्ति बना देते हैं" इस पंक्ति भाव स्पष्ट कीजिए ।​

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Answered by anathakur27
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Answer:

bhagwan ko

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Explanation:

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