कई बार अज्ञान के कारण गरीबों को ठगा जाता है यह देखकर मेरे मन में विचार आए ••••••••••
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अज्ञानता और गरीबी
रास्ते में एक व्यक्ति ने गरीब से पूछा "तेरे हाथ में क्या है ?
उत्तर :जी राशन कार्ड
व्यक्ति :कितनी दूर जाओगे ,चलो मैं ले चलता हूँ I तुझे लाइन में भी नहीं लह्गना पड़ेगा मैं तुम्हे तुरंत सामान भी दिलवा दूंगा Iवो गरीब व्यक्ति उसको बाइक में बैठ जाता है I राशन वाले दूकान के सामने वे लोग पहुँचते हैं Iऔर एक राशन कार्ड उस गरीब व्यक्ति के हाथ में है I
मददगार ने पूछा ये किसका राशन कार्ड है ,गरीब व्यक्ति ने कहा मेरे घर के बगल में एक बहन जी रहती हैं ,बेचारी विधवा हैं और अस्वस्थ भी मैं उनकी मदद करने के लिए उनका कार्ड ले आया हूँ Iबाइक वाले ने दूसरा कार्ड भी ले लिया I पैसे भी लिए जब उसे गए हुए करीब एक घंटा हो गया तब भी वो इंतज़ार करता रहा Iजब अन्दर जाकर देखा तो काफी दूर निकला हुआ वही व्यक्ति उसे दिखा I इसने जोर से आवाज़ लगायी मेरा राशन कार्ड ?वह मुड़ता हुआ आया दोनों राशन कार्ड फ़ेंक दिए और कहा अनाज मिला ही नहीं Iफिर जब किसी से इसने पढवाया तो पता चला दोनों कार्ड के समान उसी ने ले लिए I यही होता है अज्ञान के कारण इस तरह कितने गरीब ठगे जाते हैं ,चाहे वो बच्चे व का एडमिशन हो ,किसी बैंक में पैसे जमा करना हो , ज़मीन हो ,हर तरह से ज़मींदारी प्रथा की तरह इनका आज भी अयोग्यता के कारन शोषण हो रहा है I
गरीबी सबसे बड़ा अभिशाप है। गरीबों को ना चाहते हुए भी मजबूरी में शोषण का शिकार होना पड़ता है। लोग उनकी मजबूरी का फायदा उठाते हुए उन पर तरह-तरह के अन्याय करते हैं। इस बात को जानते हुए भी वे चुप रहते हैं। उनकी यह खामोशी लोगों को उन पर और अत्याचार करने का निमंत्रण देती है। गरीबों को अन्याय का विरोध करने का यथाशक्ति साहस करना चाहिए। उन्हें यह जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है। इसलिए उन्हें अपनी दब्बूपन की प्रवृत्ति त्यागनी होगी और अपने अधिकारों को समझना और उसके लिए दृढ़तापूर्वक अडिग रहना चाहिए।