kaise kha ja skta h ki shri krishna gopiyon ke prit chintit rhe honge
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Answer:
Areeee type it in Hindi re
Explanation:
एक बार गोपियों ने श्रीकृष्ण से कहा कि हमने एक व्रत रखा है, उसके परायण के लिए एक महात्मा को ढूंढ रहे हैं, उनको हम खाना खिला दे तो व्रत का परायण हो जाए। तो कृष्ण ने कहा कि एक काम करो तुम हमारे गुरु के पास जाओ। श्रीकृष्ण के गुरु दुर्वासा थे। तो सभी गोपियों ने कहा कि वह दुर्वासा जी तो यमुना उस पार रहते हैं और इस समय भादों की यमुना है। यमुना का पानी बहुत ऊपर है कैसे जा सकते हैं। तो श्रीकृष्ण ने कहा कि अच्छा एक काम करो तुम जाओ और यमुना से कह दो कि अगर श्री कृष्ण अखंड ब्रह्मचारी हैं यमुना मार्ग दे दे। अब गोपियों ने सोचा कि ये झूठ बोल रहे हैं। अरे! हमारे साथ खुद ही घुमा-फिरा करते हैं। हम लोग को प्रत्यक्ष अनुभव यह कहाँ से अखंड ब्रह्मचारी है? हमारे साथ राधा जी के साथ इतने दिन उन्होंने गुजारे हैं। और अखंड ब्रह्मचारी कैसे हैं? तभी एक सखी ने कहा एक गोपी से चलो छोड़ो जाने दो, अगर यमुना मार्ग नहीं देती तो इन्हीं के कान खींचेगे हम। और इनका (कृष्ण का) फिर से दर्शन मिलने का लाभ भी प्राप्त होगा।