कक्षा 10 पाठ हरिहर काका नाटक के रूप में लिखिए 400-500 शब्द
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समाज में सुखी जीवन जीने के लिए रिश्तों-नातों का बहुत अधिक महत्त्व है। परन्तु आज के समाज में सभी मानवीय और पारिवारिक मूल्यों और कर्तव्यों को पीछे छोड़ते जा रहे हैं। ज्यादातर लोग केवल स्वार्थ के लिए ही रिश्ते निभाते हैं। जहाँ लोगों को लगता है कि उनका फ़ायदा नहीं हो रहा है वहाँ लोग जाना ही बंद कर देते हैं। आज का व्यक्ति स्वार्थी मनोवृति का हो गया है। वह केवल अपने मतलब के लिए ही लोगों से मिलता है। वह अपने अमीर रिश्तेदारों से रोज मिलना चाहता है परन्तु अपने गरीब रिश्तेदारों से कोसों दूर भागता है।
हमारे समाज में हमें देखने को समाज में सुखी जीवन जीने के लिए रिश्तों-नातों का बहुत अधिक महत्त्व है। परन्तु आज के समाज में सभी मानवीय और पारिवारिक मूल्यों और कर्तव्यों को पीछे छोड़ते जा रहे हैं। ज्यादातर लोग केवल स्वार्थ के लिए ही रिश्ते निभाते हैं। जहाँ लोगों को लगता है कि उनका फ़ायदा नहीं हो रहा है वहाँ लोग जाना ही बंद कर देते हैं। आज का व्यक्ति स्वार्थी मनोवृति का हो गया है। वह केवल अपने मतलब के लिए ही लोगों से मिलता है। वह अपने अमीर रिश्तेदारों से रोज मिलना चाहता है परन्तु अपने गरीब रिश्तेदारों से कोसों दूर भागता है।
हमारे समाज में हमें देखने को
Explanation:
समाज में सुखी जीवन जीने के लिए रिश्तों-नातों का बहुत अधिक महत्त्व है। परन्तु आज के समाज में सभी मानवीय और पारिवारिक मूल्यों और कर्तव्यों को पीछे छोड़ते जा रहे हैं। ज्यादातर लोग केवल स्वार्थ के लिए ही रिश्ते निभाते हैं। जहाँ लोगों को लगता है कि उनका फ़ायदा नहीं हो रहा है वहाँ लोग जाना ही बंद कर देते हैं। आज का व्यक्ति स्वार्थी मनोवृति का हो गया है। वह केवल अपने मतलब के लिए ही लोगों से मिलता है। वह अपने अमीर रिश्तेदारों से रोज मिलना चाहता है परन्तु अपने गरीब रिश्तेदारों से कोसों दूर भागता है।