Hindi, asked by audichaturvedi, 3 months ago

कक्षा सातवीं
प्रश्न-1 महर्षि वैशंपायन कौन थे?
प्रश्न-2 विचित्रवीर्य के दोनों पुत्रों के नाम लिखिए ।
प्रश्न-3 महाराजा शांतनु के बाद किसको हस्तिनापुर की गद्दी मिली?
प्रश्न-4 पांडवो का पालन-पोषण किनके द्वारा और कहाँ हुआ?
प्रश्न-5 केवटराज की क्या शर्त थी?
प्रश्न-6 देवव्रत को पिता शांतनु के चिंतित होने का कारण किस प्रकार पता चला?

Answers

Answered by priyanshisingh152006
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Answer:

वैशम्पायन वेद व्यास के विद्वान शिष्य थे। हिन्दुओं के दो महाकाव्यों में से एक महाभारत को मानव जाति में प्रचलित करने का श्रेय उन्हीं को जाता है। पाण्डवों के पौत्र महाबलि परीक्षित के पुत्र जनमेजय को वैशम्पायन ने एक यज्ञ के दौरान यह कथा सुनाई थी।

जब राजा शांतनु ने अपने पुत्र भीष्म के आजन्म ब्रह्मचारी रहने की प्रतिज्ञा करने पर सत्यवती के साथ विवाह कर लिया था, तब उसी सत्यवती के गर्भ से उन्हें चित्रांगद और विचित्रवीर्य नाम के दो पुत्र उत्पन्न हुए थे

सूत जी के द्वारा बुलाई गयी सभा के अध्यक्ष महर्षि शौनक थे । प्रश्न-7 महाराजा शांतनु के बाद किसको हस्तिनापुर की गद्दी मिली? उत्तर - महाराजा शांतनु के बाद उनके पुत्र चित्रांगद को हस्तिनापुर की गद्दी मिली

पांडु के पाँच पुत्र थे । प्रश्न-14 पांडवो का पालन-पोषण किनके द्वारा और कहाँ हुआ? उत्तर - पांडवो का पालन-पोषण ऋषि मुनियों के द्वारा जंगल में हुआ । ... उत्तर - युधिष्ठिर के सोलह वर्ष के होने पर ऋषियों ने पांडवों को हस्तिनापुर ले जाकर पितामह भीष्म को सौंप दिया

Answered by orangesquirrel
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ऊपर दिए गए प्रश्नों के उत्तर निम्नलिखित हैं-

  • महर्षि वैशंपायन वेद व्यास जी के प्रमुख शिष्य थे| महाभारत की कथा के मानव-जाति प्रचार प्रेशर का श्रेय वैशंपायन|
  • विचित्रवीर्य के दो पुत्र थे| उनके नाम हैं- धृतराष्ट्र और पाण्डु|
  • महाराजा शांतनु के सिंघासन छोड़ने के पश्चात उनके पुत्र चित्रांगद हस्तिनापुर की राज गद्दी पर बैठे|
  • पांडवों का पालन-पोषण वन में रहने वाले ऋषि-मुनियों से करा| साथ ही उन लोगों ने पांडवों को पढ़ाया लिखाया भी| पहले पांडव, युदिष्ठिर के 16 वर्ष के हो जाने के बाद ऋषियों ने पाँचों भाइयों को हस्तिनापुर में भीष्म पितामह को सौंप दिया|
  • केवटराज सत्यवती के पिता थे|  विवाह से पूर्व केवटराज की शर्त यह थी कि महाराजा शांतनु की मृत्यु के बाद हस्तिनापुर का राज-पाठ सत्यवती के पुत्र को दिए जाये|
  • देवव्रत (भीष्म पितामह) को पिता महाराजा शांतनु के परेशान होने का कारण उनके सारथी से पूछ-ताछ करने के बाद पता चली|

#SPJ6

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