कल्पना कीजिए कि आप एक अंतरिक्ष यात्री हैं तथा आपको मंगलग्रह की यात्रा के लिए भेजा गया
है। अपनी यात्रा का वर्णन कीजिए।100शब्द मैं
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औरों की तरह मैनें भी कई सपने देखे हैं । परन्तु एक सपना जो मैने दो माह पहले देखी थी , आज भी मुझे याद है। वो सपना ही ऐसा है जो मै चाह कर भी भुल नही सकता , और भुलूँ भी क्यों ? वो मेरा लक्ष्य जो ठहरा ।
मै उस दिन थोड़ा ज्यादा थकान महसुस कर रहा था, तो जल्द ही सो गया ।थोड़ो ही क्षणों में अपने काल्पनिक दूनिया मे पहुँच चुका था ।मैने खुद को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान में अजीब- सा वस्त्र पहने पाया , बड़े - बड़े वैज्ञानिक मेरे आगे - पीछे घुम रहे थे । उन में से कुछ तो मुझे सर कहकर पुकारते थे । मैं तो खुशी से फुले नही समा रहा था । तभी एक वौज्ञानिक जो हुुबहू मेरे जैसा वस्त्र पहने था , आकर मुझे कहा " चलो यार अंतरिक्षयान में हमे प्रवेश करना है । मै , उसके साथ चला गया । वैसे यान में बैठने के कुछ समय बाद मुझे एक झटका का अनुभव हुआ, जैसे किसी ने विमान को धक्का दिया हो।
पर मैं घबड़ाया नही ।कुछ देर बाद मै अपना संतुलन खो रहा था , मैरे सामने की वस्तु गूरूत्व बल से मुक्त विचरण कर रहे थे । मैने विमान के पारदर्शक पदार्थ से झाँक कर देखा , मै तो सुन्न रह गया । हम पृथ्वी से दूर मंगल ग्रह के नजदीक थे। ऐसा सुंदर नजारा देख मै तो पागल हो गया था , सूर्य काफी बड़ी और विशालकाय दिख रही थी , पृथ्वी का तो जवाब नही , अनोखे आकार और गजब की सुदरता ।
Answer:
Ok
pls follow me
Explanation:
- सबसे पहले तो मैं सोचूंगी कि आज का दिन बड़ा सुहाना हैl और मैं मंगल ग्रह पर अच्छे से पहुंच जाऊंगी lऔर पहुंचने के बाद में उसके जो रेती है लाल रंग की उसे देख कर थोड़ी रेती एक थैले में ले लूंगी बाद में मैं थोड़ी देर तक घूमती - घूमती एक जगह पहुंच जाऊंगी जहां पर एक आग का गोला गिरा हो l और उस गड्ढे को देखकर मैं चकित रह जाऊंगी और उस जगह को ठीक से देख कर अगली जगह पर जाऊंगी l अगर उधर हमें पानी के निशान मिले तो उस पानी को लैब रिसर्च के लिए ले जाऊंगी I वैसे तो आपको पता ही होगा कि मंगल के पास पृथ्वी से कम ही ग्रेविटी है l इसीलिए हम थोड़ी देर तक अंतरिक्षमें उड़ते रहेगी l