कला से प्राप्त आनंद अवर्णनीय है
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Yes this is true
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चित्रकला द्वारा ही रंगोली अल्पना भी पूजा स्थान पर बनाई जाती है। कला से प्राप्त आनंद अवर्णनीय होता है। प्राचीनकाल मे वही व्यक्ति सुसंस्कृत कहलाता था जो कलाओ मे निपुण होता था।
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