कला वास्तुकला और ग्रंथों ने मानवतावादी विचारों को फैलाने में प्रभावी भूमिका निभाई सोदाहरण विवेचना कीजिए histroy chapter 7
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इसका और भी स्पष्टकीण किया जा सकता है। वास्तुकला ललितकला की वह शाखा रही है और है, जिसका उद्देश्य औद्योगिकी का सहयोग लेते हुए उपयोगिता की दृष्टि से उत्तम भवननिर्माण करना है, जिनके पर्यावरण सुसंस्कृत एवं कलात्मक रुचि के लिए अत्यंत प्रिय, सौंदर्य-भावना के पोषक तथा आनंदकर एवं आनंदवर्धक हों। प्रकृति, बुद्धि एवं रुचि द्वारा निर्धारित और नियमित कतिपय सिद्धांतों और अनुपातों के अनुसार रचना करना इस कला का संबद्ध अंग है। नक्शों और पिंडों का ऐसा विन्यास करना और संरचना को अत्यंत उपयुक्त ढंग से समृद्ध करना, जिससे अधिकतम सुविधाओं के साथ रोचकता, सौंदर्य, महानता, एकता और शक्ति की सृष्टि हो से यही वास्तुकौशल है। प्रारंभिक अवस्थाओं में, अथवा स्वल्पसिद्धि के साथ, वास्तुकला का स्थान मानव के सीमित प्रयोजनों के लिए आवश्यक पेशों, या व्यवसायों में-प्राय: मनुष्य के लिए किसी प्रकार का रक्षास्थान प्रदान करने के लिए होता है। किसी जाति के इतिहास में वास्तुकृतियाँ महत्वपूर्ण तब होती हैं, जब उनमें किसी अंश तक सभ्यता, समृद्धि और विलासिता आ जाती है और उनमें जाति के गर्व, प्रतिष्ठा, महत्वाकांक्षा और आध्यात्मिकता की प्रकृति पूर्णतया अभिव्यक्त होती है।
कला, वास्तुकला और ग्रंथों ने मानवता वादी विचारो को फैलने में प्रभावी भूमिका निभाई है। उदाहरण सहित स्पष्टीकरण :
- कला वस्तु व ग्रंथ पुरातन काल से ही मानवतावाद का प्रचार करने में सफल हुए है। कला प्रकृति में ही बसी हुई होती है जो उसे ग्रहण कर सकता है करता है।
- वास्तुकला ललित कला की एक शाखा है।
- माइकेल एन्जिलो द्वारा दि पाइटा' चित्र में मेरी को ईसा का शरीर धारण करते हुए दिखाया गया है।
- पंद्रहवीं शताब्दी में अध्यापकों ने मानवतावादी शब्द उन अध्यापकों के लिए प्रयुक्त किया जाता था जो कवि, अलंकार शास्त्र, इतिहास व नीति दर्शन आदि विषय पढ़ाते थे।
- फ्लोरेंस की प्रसिद्धि दो लोगो के कारण हुई थी एक थे दांते
- अलिगिहरी जिन्होंने धार्मिक विषयो पर कलम चलाई।
- दूसरे थे कलाकार जोटो जिन्होंने जीते जागते रूप चित्र बनाए जिनका एक अलग ही प्रभाव था।
- रेनेसां शब्द का प्रयोग उन व्यक्तियों के लिए किया गया जिन्हे एक से अधिक रुचियां हो व अनेक विषयो में महारत हासिल हो।
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