कमरतोड़ महंगाई अनुच्छेद लेखन
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महंगाई का तात्पर्य है वस्तुओं की कीमत में वृद्धि होना। वस्तुओं के दाम सीधे आसमान को छू रहे है। देश में महंगाई एक बहुत बड़ी समस्या है। महंगाई गरीब, मध्यम वर्गीय और गरीबी से नीचे स्तर पर लोगो को भी प्रभावित करती है। महंगाई की सबसे बुरी मार गरीब वर्ग के लोगो को झेलना पड़ता है। दिन प्रतिदिन वस्तुओं के दामों में इज़ाफ़ा होना, देशवासी के लिए भीषण समस्या है। प्रत्येक समय देश की सरकार महंगाई को कम करने की बात करती है, उल्टा ही देखने को मिलता है। जनता सरकार से सिर्फ यही मांग करती है, कि वह महंगाई को संतुलित करे, मगर हर बार की तरह सरकार कीमतों को बढ़ा देती है।
हमारी ज़रूरत के सामान के दामों में अधिक वृद्धि हो रही है। पेट्रोल, डीजल के दाम आये दिन बढ़ रहे है। जनता अपने दफ्तरों में आय बढ़ाने की मांग कर रही है। आय बढ़ तो नहीं रही है, हाँ लेकिन महंगाई हमारे समक्ष मुंह आगे बढ़ाए खड़ी हो जाती है।
अत्यधिक महंगाई का संबंध मुद्रा स्फीति से भी है। सरकार प्रत्येक वर्ष अपना बजट चार्ट बढ़ा देती है और आम – आदमी को इसकी मार झेलनी पड़ती है। दिन प्रतिदिन रूपए की कीमत घटती जा रही है। भ्र्ष्टाचार एक प्रमुख कारण है, जिसे कोई भी सरकार रोकने में नाकामयाब हुयी है। भ्रष्टाचार एक वजह है, जो मुद्रा स्फीति को बढ़ावा दे रही है। भारत अपनी आर्थिक समस्याओं के कारण महंगाई जैसे गंभीर समस्या से मुक्त नहीं हो पा रहा है।
भारत जनसँख्या वृद्धि में हर साल एक नया मुकाम हासिल कर रहा है। जनसँख्या वृद्धि भी कमरतोड़ महंगाई का दूसरा प्रमुख कारण है। जिस तरीके से देश की जनसंख्या बढ़ रही है, देश में अनाज कम पड़ रहा है। भारत को भी बाहर के देशो से अनाज मंगवाना पड़ रहा है।
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