कन्हैयालाल मिश्र प्रभाकर जी के बारे में टिप्पणी
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श्री कन्हैयालाल मिश्र का जन्म उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के देवबन्द ग्राम में हुआ था।
हिंदी साहित्य और हिंदी पत्रकारिता के माथे पर सांस लेते चंदन शब्दों का तिलक लगाने वाले पद्मश्री कन्हैया लाल मिश्र ’प्रभाकर’ के पास जरूर किसी तांत्रिक-जोगी का दिया हुआ सिद्ध नमक था। तभी तो साधारण बोल-चाल के शब्दों में उस अद्भुत नमक से वे ऐसा स्वाद पैदा कर देते कि पाठक की आंखें और मन कुंभ में गंगास्नान के बाद गंगाघाट पर बैठ प्रसाद ग्रहण करने का सुख पाते। दर असल, प्रभाकर जी ज़िन्दगी लिखते थे - कभी निबंध के नाम से, कभी लघुकथा तो कभी अग्रलेख के नाम से। और लिखते भी कहां थे ! सीधे जादू टोना करते थे - विचारों पर, जीवन शैली पर। उनका साहित्य ज़िन्दगी से उठता और ज़िन्दगी बांटता था।
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