India Languages, asked by prashantchulke12, 9 months ago

कन्नड़ दली पाइथागोरस प्रमेय​

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Answered by Ayutam21
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Answer:

पाइथागोरस प्रमेय (या, बौधायन प्रमेय) यूक्लिडीय ज्यामिति में किसी समकोण त्रिभुज के तीनों भुजाओं के बीच एक सम्बन्ध बताने वाला प्रमेय है। इस प्रमेय को आमतौर पर एक समीकरण के रूप में निम्नलिखित तरीके से अभिव्यक्त किया जाता है-

{\displaystyle a^{2}+b^{2}=c^{2}\!\,}

जहाँ c समकोण त्रिभुज के कर्ण की लंबाई है तथा a और b अन्य दो भुजाओं की लम्बाई है। पाइथागोरस यूनान के गणितज्ञ थे। परम्परानुसार उन्हें ही इस प्रमेय की खोज का श्रेय दिया जाता है[1]। हालांकि यह माना जाने लगा है कि इस प्रमेय की जानकारी उनसे पूर्व तिथि की है। भारत के प्राचीन ग्रंथ बौधायन शुल्बसूत्र में यह प्रमेय दिया हुआ है। काफी प्रमाण है कि बेबीलोन के गणितज्ञ भी इस सिद्धांत को जानते थे। इसे 'बौधायन-पाइथागोरस प्रमेय' भी कहते हैं।

Answered by Anonymous
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जहाँ c समकोण त्रिभुज के कर्ण की लंबाई है तथा a और b अन्य दो भुजाओं की लम्बाई है। पाइथागोरस यूनान के गणितज्ञ थे। परम्परानुसार उन्हें ही इस प्रमेय की खोज का श्रेय दिया जाता है[1]। ... भारत के प्राचीन ग्रंथ बौधायन शुल्बसूत्र में यह प्रमेय दिया हुआ है।

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