Hindi, asked by kalpitrao2005, 7 months ago

कन्यादान कविता में मां ने बेटी को जो सीख दी है क्या वह आज के युग के अनुकूल स्पष्ट कीजिए ​

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Answered by masterhashvi
77

Answer:

माँ ने बेटी को सीख दी थी कि वह केवल सुंदरता पर ही नहीं रीझे बल्कि अपने वातावरण के प्रति भी सचेत रहे। जिस पानी में झांककर उसे अपनी परछाई दिखाई देती है उसकी गहराई को भी वह भली-भांति जान लें। ... उसने माता-पिता की छत्र-छाया में रहते हुए जीवन के दुःखों का सामना नहीं किया। वह नहीं जानती कि आज का समाज कितना बदल गया हैं। परंतु युग बदलते रहते हैं पर स्त्री के साथ किया जाने वाला व्यवहार नहीं बदलता लोगों की सोच अभी भी स्त्रियों के प्रति नहीं बदली है अतः हम कह सकते हैं की यह सीख आज के युग के लिए भी अनुकूल है|

Answered by amankatiyar362
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Answer:

माँ को दुनियादारी और ससुराल वालों द्वारा किए गए व्यवहार का अनुभव है। उन्हें ध्यान में रखकर भावी जीवन के लिए सीख देती है। आज जब समाज में छल-कपट, शोषण, दहेज प्रथा आदि बुराइयाँ बढ़ी हैं तथा ससुराल में अधिक सजग रहने की जरूरत बढ़ गई है तब माँ द्वारा बेटी को दी गई सीख की प्रासंगिकता और भी बढ़ जाती है।

माँ ने बेटी को जो-जो सीख कविता में दी है, वह आज के समय के ही अनुकूल है। यह कविता अधिक पुरानी नहीं है। अतः हम यह नहीं कह सकते हैं कि कविता आज के समय के अनुकूल नहीं है। आज भी समाज में दहेज उत्पी़ड़न की समस्या विद्यमान है।

#SPJ2

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