कन्यादान’ कववता में कवव ने ककस सामाम्जक बदलाव का स्वर मुखर ककया है? btao btao
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कन्यादान कविता में कवि ने किस सामाजिक बदलाव का स्वर मुखर किया है:
कन्यादान कविता ऋतुराज द्वारा लिखी गई है|कन्यादान कविता में कवि ने स्त्रियों के साथ विवाह के बाद किए गये अत्याचारों के बारे में बदलाव का स्वर मुखर किया है| समाज में विवाह के बाद उन्हें दहेज के लिए तंग किया जाता है , उन्हें ससुराल में मारा जाता है , ताने सुने जाते है|
समाज में स्त्रियों के साथ बुरा व्यावहार किया जाता है| स्त्रियाँ चुप-चाप सहकर अपना जीवन में व्यतीत करती है| समाज में स्त्रियों के प्रति बदलाव की जरूरत है| स्त्रियों को बराबर सम्मान मिलना चाहिए|
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Answer:
"कन्यादान" कविता में कवि ऋतुराज ने नारी सशक्तिकरण का स्वर मुखर किया है जो बहुत बड़े सामाजिक बदलाव का द्योतक है | कवि ने माता के द्वारा अपनी पुत्री को विवाह उपरांत विदा होते समय दी जाने वाली सीख में अत्याचार का विरोध करने की बात कही है |
कवि ने माँ के माध्यम से यह भी कहा है कि आभूषणों के मोह में न पड़ें | अपने दायित्व निभाएं किन्तु सतत यह स्मरण भी रखें कि वह कोमल है किन्तु कमज़ोर नहीं हैं | अतएव कन्या सुलभ गुणों से भरपूर रहकर भी दूसरों (ससुराल -पक्ष) को यह प्रतीत न होने दें कि वह एक निर्बल निसहाय लड़की है |