English, asked by ndevi6645, 5 months ago

कण-कण में है व्याप्त वही स्वर
'कालकूट फणि की चिंतामणि'
(क) 'वही स्वर', 'वह ध्वनि' एवं 'वही तान' आदि वाक्यांश किसके
लिए किस भाव के लिए प्रयुक्त हुए
(ख) वही स्वर, वह ध्वनि एवं वही तान से संबंधित भाव का 'रुद्ध-गीत को
कुद्ध तान है निकली मेरी अंतरतर से'-पक्तियों से क्या कोई संबंध
बनता है?
नीचे दी गई पक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए-
'सावधान! मेरी वीणा में दोनों मेरी ऐंठी हैं।'​

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Answered by sweetie2310
5

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hope it help.....u...................

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