Hindi, asked by lukekisku219, 11 months ago

कर चले हम फ़िदा' नामक कविता का प्रतिपाद्य बताइए I

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Answered by r5134497
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कर चले हम फ़िदा' नामक यह  गीत सन  1962 के भारत - चीन युद्ध की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर लिखा गया है। चीन ने तिब्बत की ओर से युद्ध किया और  भारतीय वीरों ने इसका बहदुरी से सामना  किया।

स्पष्टीकरण:

  • प्रस्तुत कविता में देश के सैनिकों की भावनाओं का वर्णन है।  चाहे उसे अपनी जान से ही हाथ क्यों ना गवाना पड़े, सैनिक कभी भी देश के मानसम्मान को बचाने  से पीछे नहीं हटेगा।
  • भारत - चीन युद्ध के दौरान सैनिकों को गोलियाँ लगने के कारण उनकी साँसें रुकने वाली थी ,ठण्ड के कारण उनकी नाड़ियों में खून जम रहा था परन्तु उन्होंने किसी चीज़ की परवाह न करते हुए दुश्मनों का बहदुरी से मुकाबला किया और दुश्मनों को आगे नहीं बढ़ने दिया।
  • सैनिक गर्व से कहते है कि हमें अपने सर भी कटवाने पड़े तो हम ख़ुशी ख़ुशी कटवा देंगे पर हमारे गौरव के प्रतिक हिमालय को नहीं झुकने देंगे अर्थात हिमालय पर दुश्मनों के कदम नहीं पड़ने देंगे। लेकिन देश के लिए प्राण न्योछावर करने की ख़ुशी कभी कभी किसी किसी को ही मिल पाती है अर्थात सैनिक देश पर मर मिटने का एक भी मौका नई खोना चाहते।
  • जिस तरह से दुल्हन को लाल जोड़े में सजाया जाता है उसी तरह सैनिकों ने भी अपने प्राणों का बलिदान दे कर धरती को खून से लाल कर दिया है सैनिक कहते हैं कि हम तो देश के लिए बलिदान दे रहे हैं परन्तु हमारे बाद भी ये सिलसिला चलते रहना चाहिए।
  • जब भी जरुरत हो तो इसी तरह देश की रक्षा के लिए एकजुट होकर आगे आना चाहिए। सैनिक अपने देश की धरती को सीता के आँचल की तरह मानते हैं और कहते हैं कि अगर कोई हाथ आँचल को छूने के लिए आगे बड़े तो उसे तोड़ दो।
  • अपने वतन की रक्षा के लिए तुम ही राम हो और तुम ही लक्ष्मण हो अब इस देश की रक्षा का दायित्व तुम पर है।

Answered by ItzGuriSidhu
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Answer:

प्रतिपाद्य - अपने देश की रक्षा व मतृभूमि के सम्मान के लिए सैनिक कुर्बान होने को तैयार है। सैनिक का जीवन केवल देश की रक्षा के लिए होता है। जब तक उसके जीस्म में लहू का एक कतरा भी रहता है वह पूरी शिद्दत से अपने मुल्क की रक्षा करता है और अपने सरजमीं को दुश्मनों के नापाक इरादों सबचाता है।

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