कर्म की प्रधानता विषय पर अनुवाद लिखें
Answers
Answer:
धर्म-संस्कृति,जाति-पाति,ऊँच-नीच,मजहब-सम्प्रदाय,
मानव जिंदगी व्यवस्थित चलाने के पर्याय मात्र है ।
लेकिन कर्म की प्रधानता मनुष्य को मन चाहे मुकाम
तक जाने के लिये सबसे अच्छा सुलभ हथियार है ।।
दुनियां में यश-अपयश,मान-अपमान,दुःख-सुख,जो भी
दिखलाई पड़ता है वो सब कर्म का ही प्रतिफल है ।
आपने किस जाति परिवार में जन्म लिया ये सब मायनें नहीं रखता है,
किंतु आपका कार्य मायनें रखता है ।।
आपकी कार्य शैली,भाषा शैली,व्यवहार,शिक्षा व ईमानदारी
आपको समाज के बीच एक मुकाम दिलाती है ।
आपके श्रेष्ट कर्म ही आपको निम्न वर्ण से उच्च वर्ण में
प्रविष्टि दिलाते है और आपको उच्चवर्ण का गौरव
प्राप्त होता है ।।
अनिल सोनी
कुरवाई
- हमें विश्वास है कि हमारे पाठक स्वरचित रचनाएं ही इस कॉलम के तहत प्रकाशित होने के लिए भेजते हैं। हमारे इस सम्मानित पाठक का भी दावा है कि यह रचना स्वरचित है।
आपकी रचनात्मकता को अमर उजाला काव्य देगा नया मुक़ाम, रचना भेजने के लिए यहां क्लिक करें
पाठकों की चुनिंदा रचनाएं
Anil Kumar
ख़त पुराने
Anil Kumar
290 1
Kavita Shakya
चाँद के उस पार जाना है
Kavita Shakya
302
VIVEK SHUKLA
लक्ष्मण मेघनाद युद्ध
VIVEK SHUKLA
112
Ankit Kumar
मैं हूं राम का वंशज
Ankit Kumar
182 37
Dr fouzia
काश़, तुझ तक मेरी दुआ पहुंचे
Dr fouzia
212 12
Vivek Singh
अधूरा प्रेम
Vivek Singh
137 2
सर्वाधिक पढ़े गए
कल्पना भी कर सकते हैं - ऐसी कैसे वे ?
भगवान दास मोटवानी, जयपुर
विशेष
avtar singh sandhu pash hindi kavita aadhi raat mein
अवतार सिंह संधू 'पाश' की कविता 'आधी रात में'
अमर उजाला काव्य डेस्क, नई दिल्ली
sheen kaaf nizam selected shayari
शीन काफ़ निज़ाम की किताब 'दश्त में दरिया' से चुनिंदा शेर
अमर उजाला काव्य डेस्क, नई दिल्ली
ravindranath thakur kavita kusum alkon sajaana nahin
कुसुम अलकों सजाना नहीं, ढीले रखना वो अपने केश - रवीन्द्रनाथ ठाकुर
अमर उजाला काव्य डेस्क, नई दिल्ली
kedarnath singh hindi kavita zara hawa chalti hai
उम्मीद नहीं छोड़तीं कविताएं - केदारनाथ सिंह
अमर उजाला काव्य डेस्क, नई दिल्ली
वीडियो view more
काव्य 3:23
Republic Day 2021:'ओ तिरंगे तीन रंगे देख रंग तेरे खो गए 'सुनिए संजय शर्मा की खूबसूरत रचना
गणतंत्र दिवस 4:37
गणतंत्र दिवस 2021:'भारत माता बंधी हुई थीं लोहे की जंजीरों में' सुनिए सूरज कुमार की खूबसूरत रचना
काव्य 9:30
72वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर सुनिए डॉ. हरिओम पंवार की कविता
काव्य 2:13
गणतंत्र दिवस: 'मां तुझे प्रणाम' में सुनिए हास्य कवि सर्वेश अस्थाना को
कविता 3:22
गणतंत्र दिवस: 'मां तुझे प्रणाम' में सुनिए कवि डॉ विष्णु सक्सेना की खूबसूरत रचना
काव्य 1:45
सुनिए गुलज़ार की मिर्ज़ा ग़ालिब के लिए लिखी नज़्म 'बल्ली-मारां के मोहल्ले की वो...'
तेरी ख़ुशी में शरीक था