कर्मधारण तथा बहुव्रीहि समास में अंतर
स्पष्ट कीजिए।
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कर्मधारय समास में एक पद विशेषण या उपमान होता है और दूसरा पद विशेष्य या उपमेय होता है। जैसे-‘नीलगगन’ में ‘नील’ विशेषण है तथा ‘गगन’ विशेष्य है। इसी तरह ‘चरणकमल’ में ‘चरण’ उपमेय है और ‘कमल’ उपमान है। अतः ये दोनों उदाहरण कर्मधारय समास के है।
बहुव्रीहि समास में समस्त पद ही किसी संज्ञा के विशेषण का कार्य करता है। जैसे- ‘चक्रधर’ चक्र को धारण करता है जो अर्थात ‘श्रीकृष्ण’।
नीलकंठ- नीला है जो कंठ- (कर्मधारय)
नीलकंठ- नीला है कंठ जिसका अर्थात शिव- (बहुव्रीहि)
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