Hindi, asked by chiragashish2006, 2 months ago

करोना के समय में आप घर में रहकर कैसा अनुभव कर रहे हैं, विस्तार से लिखिए |
plz answer fast and correct​

Answers

Answered by lavishsuhani
1

Answer:

कोविड – 19 ने हमारी ज़िन्दगी में उथल-पुथल मचा दी है | लॉकडाउन, स्कूलों का बंद होना और भौतिक दूरी, इन सबका बच्चों पर गहरा असर पड़ रहा है | 

यूनिसेफ ने पूरे देश के बच्चों से इस दौरान घर पर की अपनी दिनचर्या का दस्तावेज़ बनाने को कहा |

स्टे होम डायरी बच्चों के ब्लॉग की एक श्रृंखला है जिसमें उनके द्वारा इस दौरान की परिस्थितियों का किस प्रकार सामना किया जा रहा है और उनकी प्रतिदिन की मनोरंजक गतिविधियों का वर्णन होता है जिससे और बच्चों को भी प्रेरणा मिले |

असम के चाय बागानों से लेकर चेन्नई की झुग्गियों तक, इन वीडियो डायरी में बच्चों द्वारा कोविड – 19 अपने तरीके से सामना किये जाने को दिखाया गया है |

असम

UNICEF India

जब लॉकडाउन शुरू हुआ, असम के चाय बागान की 15 – वर्षीय रिमिका कोरोना वायरस को लेकर चिंतित थी | लेकिन जल्दी ही उसने अपने दिन को कुछ मनोरंजक गतिविधियों से भर दिया |

 

चेन्नई

UNICEF India

17 वर्षीय अल्ताफ फिल्म निर्माता बनना चाहता है | चेन्नई की जिस झुग्गी बस्ती में रहता था उसके कन्टेनमेंट जोन घोषित कर दिए जाने के कारण वह घर की चारदीवारी में सिमट कर रह गया | उसने बताया कि लॉकडाउन के दिनों में भी उसने कहानियाँ सुनाना जारी रखा |

मुंबई

UNICEF India

मुंबई के चार साल के अहान ने लॉकडाउन के दौरान घर पर रहते हुए नाच कर, बेकिंग कर के और पियानो बजा कर अपने दिन बिताये | 

 

चेन्नई

UNICEF India

कोरोना वायरस के कारण, लॉकडाउन, स्कूलों के बंद होने और बोर्ड परीक्षाओं की अनिश्चितता का चेन्नई की सुभीता के ऊपर गहरा असर पड़ा | 

 

ओडिशा

UNICEF India

15 वर्षीय हेमाश्री ओडिशा के एक गाँव में रहती है | उसका परिवार काफी बड़ा है और उसकी माँ एक आंगनवाड़ी (सामुदायिक स्वास्थ्य) कार्यकर्त्ता है | अपनी पढाई के साथ हेमाश्री अपने भाई बहन की पढाई में भी मदद करती है और घर के कामों में भी हाँथ बंटाती थी | एक युवा नेत्री के रूप में उसने ये सुनिश्चित किया कि उसका परिवार लॉकडाउन के समय उचित व्यवहार का पालन करे | 

 

बिहार

UNICEF India

लॉकडाउन ने 17 वर्षीय आदित्य को अपने शौक पूरा करने का मौका दिया | उसने अपने चित्रकारी के कौशल पर हाथ आजमाया और पेंटिंग के कुछ नए पहलुओं को सीखा | 

ओडिशा

UNICEF India

ओडिशा की 15 वर्षीय जिनिता को घर पर अपने भाई-बहनों के साथ खेलना अच्छा लगता है | वह खूब पढ़ती भी है | वह अपने समुदाय में हर किसी से सुरक्षित रहने और कोविड – 19 महामारी का सामना करने के लिए उचित व्यवहार अपनाने और सुरक्षित रहने के लिए कहती है |

अपनी स्टे होम डायरी शेयर करने के लिए सभी बच्चों को धन्यवाद

बच्चों ने लॉकडाउन के दौरान अपनी रोज़ की ज़िन्दगी के दस्तावेजीकरण और अपनी रोज़ की गतिविधियों को साझा करने के अनुभव का आनंद लिया | इस डायरी के द्वारा उनको अपने शब्दों में अपनी बातें शेयर करने का मौका मिला जिससे उन्होंने एक दूसरे से जुड़ा हुआ महसूस किया |  

बच्चों ने खुद वीडियो को शूट किया और उसका निर्देशन किया और यूनिसेफ इंडिया की टीम ने विषय वस्तु निर्माण में तकनिकी सहयोग प्रदान किया |

यूनिसेफ पूरे भारत में बच्चों को स्वस्थ, सुरक्षित रखने और सिखाने के लिए, वो चाहे कोई भी हों और कहीं भी रहते हों, सरकार, स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंट लाइन कार्यकर्ताओं के साथ साझेदारी में जमीनी स्तर पर काम करती है |

ऐसी ही अन्य कहानियों के लिए, देखें हमारी Stay Home Diaries playlist.

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