करुणा से बदली जीवन शैली के ऊपर अनुच्छेद
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Explanation:
- नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस ( Coronavirus In India ) के चलते लागू लॉकडाउन ( Lockdown ) ने लोगों की जीवन शैली पूरी तरह से बदल ही है। मानव जीवन में हुए इन बदलावों में कुछ नकारात्मक हैं तो कुछ सकारात्मक भी।
- इसमें सबसे बड़ा फायदा साफ-सफाई को लेकर हुआ है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) के स्वच्छ भारत अभियान ( Svachchh Bhaarat Abhiyaan ) के बाद कोरोना वायरस ( Coronavirus ) ने लोगों को स्वच्छ रहने और अपने आसपास सफाई रखने को मजबूर कर दिया है।
- कोरोना वायरस के बाद घरों में अचानक सफाई का स्तर बढ़ गया है। इसके साथ ही कुछ भी छूने के बाद लोग अपने हाथों को अच्छे से साफ कर रहे हैं।
- कितना मुसीबत भरा हो सकता है लॉकडाउन का बढ़ना, जानें लोगों के घरों में कितना स्टॉक?
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Answer:
"प्यार या प्रेम एक एहसास है। जो दिमाग से नहीं दिल से होता है प्यार अनेक भावनाओं जिनमें अलग अलग विचारो का समावेश होता है!,प्रेम स्नेह से लेकर खुशी की ओर धीरे धीरे अग्रसर करता है। जिसके उदाहरण के लिए माता और पिता होते है।"
"एक बूढ़े को हँसाओ, वह अपने को जवान समझने लगेगा। एक बालक को हँसाओ, उसके स्वास्थ्य में वृद्ध होगी। वह प्रसन्न और प्यारा बालक बनेगा, पर हमारे जीवन का उद्देश्य केवल हँसी ही नहीं है, हमको बहुत काम करने हैं। तथापि उन कामों में, कष्टों में और चिंताओं में एक सुंदर आंतरिक हँसी, बड़ी प्यारी वस्तु भगवान ने दी है। हँसी सबको भली लगती है। मित्र-मंडली में हँसी विशेषकर प्रिय लगती है। जो मनुष्य हँसते नहीं उनसे ईश्वर बचावे। जहाँ तक बने हँसी से आनंद प्राप्त करो। प्रसन्न लोग कोई बुरी बात नहीं करते। हँसी बैर और बदनामी की शत्रु है और भलाई की सखी है। हँसी स्वभाव को अच्छा करती है। जी बहलाती है और बुद्ध को निर्मल करती है।"