कर्तन और वेल्डिंग में परमाण्विय हाइड्रोजन अथवा ऑक्सी हाइड्रोजन टॉर्च किस प्रकार कार्य करती है? समझाइए।
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कर्तन और वेल्डिंग में परमाण्विय हाइड्रोजन अथवा ऑक्सी हाइड्रोजन टॉर्च जिस प्रकार कार्य करती है, वो समझाया गया है –
• परमाणविक हाइड्रोजन टोर्च में दो टंगस्टन इलेक्ट्रोड के बीच के आणविक हाइड्रोजन में बिद्युत स्फुलिंग प्रबाहित किया जाता है। स्फुलिंग के ऊर्जा आनबिक हाइड्रोजन को परमाणविक हाइड्रोजन में बदल देती है।
H2(g) ----- बिद्युत स्फुलिंग -------> 2H ; ∆H= +435.9 kJmol -1
इस प्रक्रिया में बोहोत ज्यादा ऊर्जा उत्पन्न होता है, जो कर्तन और वेल्डिंग में उपयोगी है। इस टोर्च में हाइड्रोजन के उपस्थिति में धातु की ऑक्सिकरण नही होता है।
• ऑक्सि-हाइड्रोजन टोर्च में हाइड्रोजन को ऑक्सीजन की उपस्थिति में जलाया जाता है। इस टोर्च का उपयोग भी कर्तन और वेल्डिंग में किया जाता है।
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