करम गति टारे नहिं टरे ।।टेक।। सतबादी हरिचँद से राजा, ( सो तो ) नीच घर नीर भरे। पाँच पांडु अरु सती[1] द्रौपदी, हाड़ हिमालै गरे। जग्य कियो बलि लेण इन्द्रासण, सो पाताल धरे। मीराँ के प्रभु गिरधर नागर, बिख से अम्रि
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pls ask ur questions in english...more than person don't know hindi...sry
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