करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान लोकोक्ति का अर्थ स्पष्ट करते हुए छोटे भाई/बहन को पत्र दाग
बताइए।
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Answer:
परीक्षा भवन,
अबस ।
दिनांकः- 28 मई, 2019
प्रिय अनुज (नाम यदि प्रश्नन पत्र में दिया हो तो)
प्रसन्न रहो।
कल ही तुम्हारा पत्र मिला। तुमने यह लिखा कि भौतिक विज्ञान विषय तुम्हें अच्छी तरह से समझ में नहीं आ रहा हैं। मैं समझ सकता हूं कि वहां पढ़ाई का माध्यम अंग्रेजी हैं, जो तुम्हारे लिए शुरूआत में कठिन लग रहा होगा। पर हमारे यहां यह कहावत हैं कि करत- करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान। रसरी आवत जात हैं सिल पर पड़त निशान। जब एक रस्सी बार- बार रगड़ खाकर पत्थर पर निशान बना देती हैं , तो अभ्यास किसी भी व्यक्ति को ज्ञानी बना सकता हैं।
मेरा कहने का तात्पर्य यह हैं कि अभ्यास द्वारा सब कुछ सीखा जा सकता हैं। जानते हो दिमाग हमारे हाथों में भी होता हैं। जब हम किसी शब्द की वर्तनी को परखना चाहते हैं तो हर कोई उसको लिखकर देखता हैं। इसका अर्थ यह हैं कि हाथों को सही लिखने का अभ्यास हो जाता हैं वे शब्द को सही तरीके से लिखने को, अभ्यास से सीख लेते हैं। इसी प्रकार गाड़ी के आगे कोई वस्तु , अचानक से आ जाये तो ड्राइवर का पैर अपने आप ब्रैक पर चला जाता हैं , उसे सोचना नहीं पड़ता । जब अभ्यास से हाथ और पैर सीख सकते हैं तो दिमाग भी सीख सकता हैं। इसलिए मैं यह सलाह दूंगा कि हर पाठ्य सामग्री को लिखकर सीखने का अभ्यास करो, और बार बार करों।
मैं यह भी कहना चाहूगा कि भूलना इंसान के लिए बहुत जरूरी हैं। यदि ईश्वर ने मानव को भूलने की शक्ति न दी होती तो शायद वह जी भी नहीं पाता। इसलिए यदि तुम कोई बात भूल जाते हो तो भी चिन्तित होने की जरूरत नहीं हैं। उस पर दुबारा अभ्यास करों।
मम्मी - पापा को मेरा चरण स्पर्श कहना और छोटु को प्यार कहना।
तुम्हारा अग्रज
कखग
Answer:
i was asking the same question
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