Hindi, asked by akmakmakm1111, 1 year ago

Karm karak aur sampradan karak chatiye

Answers

Answered by nityarana2006
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Answer:

कर्म कारक –

जिस पर क्रिया के कार्य का प्रभाव पड़ता है, उसे कर्म कारक कहते हैं। इसका विभक्ति-चिह्न ‘को’ है।

जैसे- 1. मोहन ने साँप को मारा।

        2. लड़की ने पत्र लिखा।

पहले वाक्य में ‘मारने’ की क्रिया का प्रभाव साँप पर पड़ा है। अतः साँप कर्म कारक है। इस वाक्य में ‘को’ विभक्ति-चिह्न लगा है।

दूसरे वाक्य में ‘लिखने’ की क्रिया का प्रभाव पत्र पर पड़ा है। अतः पत्र कर्म कारक है। इस वाक्य में कर्म कारक का विभक्ति चिह्न ‘को’ नहीं लगा है। कुछ वाक्यों में कर्म कारक के चिह्न 'को' का लोप भी रहता है।

संप्रदान कारक

संप्रदान का मतलब है देना। इसका अर्थ यह है कि कर्ता जिसके लिए कुछ कार्य करता है, अथवा किसीको कुछ देता है  तो उसे व्यक्त करने वाले रूप को संप्रदान कारक कहते हैं। इसके विभक्ति चिह्न ‘के लिए’ और को हैं।

जैसे – 1. स्वास्थ्य के लिए व्यायाम आवश्यक है।

        2. गरीबों के लिए रोटी लाओ।

        3. रोहन, सीता को किताब दो।

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