Hindi, asked by rajnishpal814, 1 year ago

Karun ras ki paribhasha

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Answered by khushi20031
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वह कविता जिसे पढ़ के हमारे मन में दुख का अनुसरण हो
हाय मौत हो गई
जो हुआ करता था
बेबस मॉं का सहारा
दुःख मे समा गया मातम सारा
Answered by ItZzMissKhushi
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Answer:

करुण रस: इसका स्थायी भाव शोक होता है इस रस में किसी अपने का विनाश या अपने का वियोग, द्रव्यनाश एवं प्रेमी से सदैव विछुड़ जाने या दूर चले जाने से जो दुःख या वेदना उत्पन्न होती है उसे करुण रस कहते हैं। यधपि वियोग श्रंगार रस में भी दुःख का अनुभव होता है लेकिन वहाँ पर दूर जाने वाले से पुनः मिलन कि आशा बंधी रहती है।

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