Hindi, asked by lolo845, 3 months ago

कस्तूरी कुंडली बसे, मृग ढूंढे बन माहि।

ऐसे घटि-घटि राम है, दुनिया देखे नाही ।। ऐसी बाणी बोलिए, मन का आपा खोइ अपना तन सीतल करे, औरन को सुख होइ।।
1. कस्तूरी और मृग के उदाहरण से कवि ने क्या समझाया है ?

(क) ईश्वर का वास कस्तूरी में होता है।

(ख) ईश्वर का वास लीग में होता है।

(ग) ईश्वर का वास संसार में होता है।

(घ) ईश्वर का वास मनुष्य के भीतर होता है।

2. उपर्युक्त पंक्तियाँ किस कवि द्वारा रचित है?

(क) रवीन्द्रनाथ टैगोर

(ख) बिहारी

(ग) तुलसीदास

Answers

Answered by nd3804685
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उपरोक्त्त कविता के रचयिता तुलसी दास जी है।

Answered by simarjot387
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