कस्टम गर्भाधान केंद्रों की स्थापना में रखे जाते हैं
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पायस मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी दुधारू पशुओं की उत्पादकता में वृद्धि करने, दुग्ध उत्पादन की लागत में कमी लाने और दुग्ध उत्पादकों की आय में वृद्धि के लिए दुग्ध उत्पादकों तक उच्च अनुवांशिकी का उपयोग करने वाले उच्च प्रशिक्षित योग्य तकनीकज्ञों के द्वारा मानक संचालन प्रक्रियाओं को अपनाकर उनके घर की दहलीज़ तक गुणवत्ता प्रधान कृत्रिम गर्भाधान सेवाएं पहुंचाने के उद्देश्य सहित राष्ट्रीय डेरी योजना-I के अन्तर्गत एक उप परियोजना ‘जीवनक्षम क्रत्रिम गर्भाधान वितरण के प्रायोगिक नमूने’ का कार्यान्वयन कर रही है।
योजना के अन्तर्गत, पायस मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी, एनडीडीबी डेरी सर्विसेज़ के परियोजना प्रबंधन सहयोग सहित राजस्थान के पाँच जिलों यानि जयपुर, अजमेर, सीकर, पाली एवं टोंक में 2700 से अधिक गाँवों में 450 कृत्रिम गर्भाधान केन्द्रों का संचालन करने की है।
पायस स्थानीय युवाओं की भर्ती करती है तथा उन्हें मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण केन्द्रों में कृत्रिम गर्भाधान की मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का कड़ा प्रशिक्षण प्रदान करवाती है। कृत्रिम गर्भाधान की सेवा प्रदान करते समय स्वच्छता को महत्ता प्रदान करने के अतिरिक्त, एसओपी में अनिवार्य रूप से पशुओं की पहचान हेतु इयर टेगिंग करना, पुनः उत्तेजित होने पर गर्भाधान के 21 दिनों के बाद पुनः निरीक्षण करना, 90 दिनों के बाद गर्भावस्था जांच तथा कार्यवाही को पूरा करते हुए बछड़े का जन्म करवाना, जैसे प्रशिक्षण करवाये जाते है। प्रशिक्षण के उपरान्त, उम्मीदवारों को कार्यक्षेत्र में भेजकर पर्याप्त अनुभव प्रदान करवाया जाता है, तथा उसके बाद उन्हें आवश्यक उपकरण प्रदान किये जाते हैं और दुग्ध उत्पादकों के घर तक उत्कृष्ठ गर्भाधान सेवा प्रदान करने हेतु कार्यक्षेत्र में तैनात किया जाता है। प्रजनन सेवा प्रदान करने हेतु कार्यक्षम निरिक्षण व कार्यक्षेत्र विस्तार सहयोग प्रदान करने के लिए प्रति क्षेत्र में लगभग 20 कृत्रिम गर्भाधान केन्द्रों वाले क्षेत्रों में पायस के मोबाइल कृत्रिम गर्भाधान तकनीकज्ञों-मेट (MAIT) को संयोजित किया गया है। प्रत्येक क्षेत्र में एक पशु-चिकित्सक प्रबंधन को संभालता है। एक प्रजनन विशेषज्ञ प्रभावशाली सेवा प्रदान करने, पर्यवेक्षण एवं निगरानी करने के लिए 6-7 पशु चिकित्सकों को तकनीकी एवं प्रबंधकीय सहयोग प्रदान करवाता है।
दुग्ध उत्पादकों को कृत्रिम गर्भाधान सेवाओं के लाभों के प्रति जागरूक एवं व्यवस्थित रूप से शिक्षित करना, तथा अपने पशुओं के लिए पायस की कृत्रिम गर्भाधान सेवा को प्राथमिकता देना, एक सुनियोजित क्षेत्रीय स्तर पर प्रचार अभियान जिसमें दुग्ध उत्पादकों के साथ श्रव्य-दर्शन उपकरणों का प्रयोग कर सभा करना, ऊंचे दूर से नज़र आने वाले स्थान पर दिवारों पर चित्र लगाना, दुग्ध उत्पादकों को लक्षित करती छपी हुई सामग्री का वितरण करना, बछड़ो की रैली के द्वारा परिणामों का प्रदर्शन करना आदिकिया जाता है। दुग्ध उत्पादकों को शिक्षित एवं राज़ी करने के लिए, प्रत्येक मोबाइल कृत्रिम गर्भाधान तकनीकज्ञ को बैलों की नस्लों के विवरणों सहित 'प्रजनक निर्देशिका' प्रदान की जाती है। यह समझते हुए की दुग्ध उत्पादकों की सोच में परिवर्तन एक धीमी प्रकिया है, ऐसे प्रचार अभियान नियमित अंतरालों पर आयोजित किए जाते हैं।
पशु पालको को पशु प्रजनन सेवा प्रदान करने हेतु, मोबाइल कृत्रिम गर्भाधान तकनीकज्ञों को दुग्ध उत्पादकों के घर की दहलीज़ पर दूरभाष के ज़रिये संपर्क करने पर कृत्रिम गर्भाधान सेवा प्रदान करने के लिए अभिप्रेरित किया जाता है । एक बार कृत्रिम गर्भाधान सेवा प्रदान करने हेतु संपर्क किए जाने पर, तकनीकज्ञ -