Kash main Ud pata nibandh Kaise like
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काश मैं उड़ पाता (निबंध)
काश मैं उड़ पाता तो मैं इस विशाल आकाश में स्वतंत्र एवं स्वच्छंद होकर विचरण करता। तब मेरे लिए मेरे लिए सरहदें कोई मायने नहीं रखती। सारा संसार ही मेरा घर होता। मैं अपने पंखों से दुनिया के एक कोने से दूसरे कोन को नापता रहता। मैं इस देश से उस देश, इस राज्य से उस राज्य, इस शहर से उस शहर कहीं पर भी बे-खटके होकर आ जा सकता था।
काश मैं उड़ पाता। मेरे पंख होते तो दूरियों का मेरे लिए कोई महत्व नहीं होता। मैं इसको नीले गगन में विचरण करता हुआ संसार के लोगों की गतिविधियों को देखता रहता। मैं कौन क्या कर रहा है, यह बात मुझसे छुपी ना रहती।
काश मैं उड़ पाता। ये विशाल संसार मेरे लिये छोटा पड़ा जाता। इस संसार को मैं अपने पंखों से ही नाप लेता। नितदिन मुझे विभिन्न तरह की नयी संस्कृतियों के दर्शन करने को मिलते। मैं दुनिया की नयी-नयी जगहों के दर्शन करता। इस तरह मैं इस छोटी सी जिंदगी में पूरी दुनिया का सैर कर सकता था, जो कि पंखों के बिना संभव नही था। काश मैं उड़ पाता।