कटते वृक्ष सिकुड़ते वन विषय पर महेश और रमेश के मध्य वार्तालाप को संवाद रूप में प्रस्तुत करें
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महेश: यार रमेश कटते वृक्ष, सिकुड़ते वन यह धीरे-धीरे खत्म हो रहे है |
रमेश: सच कह रहे हो , महेश यह सब चलता रहा तो मानव जीवन खतरे में पड़ जाएगा |
महेश: आज के समय में मनुष्य अपने लाभ के लिए कितने पेड़ काट रहा |
रमेश: हम मनुष्य ने ही प्रकृति के संतुलन को बिगाड़ कर दिया है |
महेश: आए दिन हम वृक्षों को काट रहे है , तरह वन नष्ट हो जाएंगे |
रमेश: वन नष्ट हो जाएंगे तो , जानवर का रहने का सहारा खत्म हो जाएगा |
महेश: हम सब साँस कैसे लेंगे , यह बहुत गलत कर रहे है |
रमेश: हमें यह सब रोकना चाहिए |
महेश: यह कैसे मुमकिन होगा | मुमकिन होगा जब हम सब मिल कर सहयोग देंगे |
रमेश: हमें प्रदूषण को रोकना होगा , सफाई का ध्यान , जल का निरीक्षण करना होगा |
महेश: सही बोल रहे है | सब को मिलकर चलना होगा |
रमेश: वन और वृक्ष सब के जीने का सहारा है |
महेश: सरकार को कड़े से कड़े कदम लेने चाहिए वन और वृक्षों की रक्षा के लिए |