कठोर ह्रदयी समझी जाने वाली दुलारी टुन्नू की मृत्यु पर क्यों विचलित हो उठी?
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कठोर ह्रदयी समझी जाने वाली दुलारी टुन्नू की मृत्यु पर क्यों विचलित हो उठी?
Answer:
दुलारी टुन्नू का स्वभाव नारियल की तरह था। वह एक अकेली स्त्री थी। इसलिए स्वयं की रक्षा हेतु वह कठोर आचरण करती थी। परन्तु अंदर से वह बहुत नरम दिल की स्त्री थी। टुन्नू, जो उसे प्रेम करता था, उसके लिए उसके ह्रदय में बहुत खास स्थान था परन्तु वह हमेशा टुन्नू को दुतकारती रहती थी क्योंकि टुन्नू उससे उम्र में बहुत छोटा था। परन्तु ह्रदय से वह उसका प्रणय निवेदन स्वीकार करती थी। फेंकू द्वारा टुन्नू की मृत्यु का समाचार पाकर उसका ह्रदय दर्द से फट पड़ा और आँखों से आँसुओं की धारा बह निकली। किसी के लिए ना पसीजने वाला ह्रदय आज चित्कार रहा था। उसकी मृत्यु ने टुन्नू के प्रति उसके प्रेम को सबके समक्ष प्रस्तुत कर दिया उसने टुन्नू द्वारा दी गई खादी की धोती पहन ली।
दुलारी टुन्नू से मन ही मन बहुत प्यार करती थी।
Explanation:
- दुलारी ऊपर से कठोर अवश्य थी लेकिन वह अंदर से काफी नरम थी। अकेली औरत होने के कारण उसने कठोरता का चौला पहन रखा था । टुन्नू जो की दुलारी से बहुत प्रेम करता था को दुलारी हमेशा दुतकारती रहती थी । ऐसा वह इसलिए करती थी क्योंकि टुन्नू उससे उम्र में काफी छोटा था ।
- कालांतर में दुलारी को पता चला की टुन्नू उसके शरीर से नहीं बल्कि उसकी कला से प्यार करता है। जब फेंकू ने दुलारी को टुन्नू की मृत्यु का समाचार दिया तो उसका कलेजा दुःख से फट गया। समाचार सुन कर उसकी आँखों से आंसुओं की धरा बहने लगी क्योंकि वो भी उसे मन ही मन बहुत प्यार करती थी।
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