कदम-कदम बढ़ाए जा, सफलता तू पाए जा,
ये भाग्य है तुम्हारा, तू कर्म से बनाए जा,
निगाहें रखो लक्ष्य पर, कठिन नहीं ये सफ़र,
ये जन्म है तुम्हारा, तू सार्थक बनाए जा।
1. कवि के अनुसार सफलता किस प्रकार प्राप्त हो सकती है?
2. हमारा सफ़र कब सरल बन सकता है?
3. इस कविता के लिए उचित शीर्षक दीजिए।
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कर्म करने से, निगाहे जब लक्ष्य पर हो , लक्ष्य
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chapter name? plz plz plz plz plz plz plz
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