कठपुतली बना हुआ मनुष्य दूसरो को भी कठपुतली क्यों बनाना चाहता हैं
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Answer:
agar koi eak kathputhuli hai to uoa dhushro ko banana chata hai kyu ki agar aap kathputli hai to aap dusro ko bhi bananaa chahaye ge
Explanation:
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कठपुतली बना हुआ मनुष्य दूसरों को कठपुतली इसलिए बनाना चाहता है, क्योंकि वह इसे किसी संक्रामक रोग की तरह फैलाना चाहता है। कठपुतली बना मनुष्य जो खुद पराधीन है वह दूसरों को स्वाधीन नहीं देख सकता। इसीलिए वह दूसरों को भी कठपुतली के समान बनाना चाहता है।
व्याख्या :
कठपुतली बनना मनुष्य के एक दोष के समान है और यह दोष समाप्त करने के उसके पास दो तरीके होते हैं कि वह या तो स्वयं से लड़े और अपनी सारी बुराइयों कमजोरियों को दूर कर कठपुतली नहीं बने। अथवा वह स्वयं को कठपुतली के समान मान ले और इच्छाओं का गुलाम बन कर रह जाए और सारी सुख सुविधाओं को भोगे।
मनुष्य को दूसरा उपाय सरल लगता है, क्योंकि कठपुतली बनने में उसे सुख और सुविधाएं प्राप्त होती है, इसलिए वह स्वयं तो पराधीन रहता ही है, दूसरों को भी पराधीन बनाना चाहता है।