कड़वा नीम का फल निबोरी को सोने की कटोरी की मैदा से ज्यादा अच्छा क्यों कहा gaya he
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: इसमें लिखा है कि कही भली है कटुक निबौरी,कनक कटोरी की मैदा से। इसमें पक्षी कहता है की यदि वो आजाद हैं तो उसे नीम की कड़वी निबौरी भी सोने की कटोरी में रखे मैदे से ज्यादा अच्छी लगेगी। वो अपनी आजादी चाहता है।
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उत्तर:
सुनहरी कटोरी में मिलने वाले आटे से चिड़िया कड़वी निबोरी पसंद करती है क्योंकि वह स्वतंत्र होती है। उसे पिंजरे में अच्छा खाना जरूर मिलता है लेकिन उसकी आजादी की कीमत पर। उसे कैदी होने के बजाय कड़वी निबोरी खाने में, आज़ाद रहने में मज़ा आता है।
व्याख्या:
- पक्षी कड़वे निबोरी को खाना पसंद करते हैं, क्योंकि उन्होंने अपनी मेहनत से पेड़ की एक शाखा से दूसरी शाखा में कूदकर, मुक्त होकर इसे प्राप्त किया है। आजादी में मिलने वाले इस प्राकृतिक भोजन में उनकी मेहनत की मिठास घुल जाती है। पेड़ के तने पर झूले। अनार के बीज तारक चबाते हैं।
- परतंत्र जीवन हमेशा कष्टमय होता हैI आजाद जिंदगी में कितनी भी मुश्किलें क्यों न हों, गुलामों की जिंदगी से बेहतर है।अतः पक्षी भी खुले में रहकर मैदा से भरी सोने की कटोरी की अपेक्षा नीम के कड़वे फल खाना अधिक पसंद करते हैंI
इस प्रकार यह उत्तर है।
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