कवि की कारागार की काठिनाइयो
का वर्णन कीजिए।
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Explanation:
भावार्थ:- आगे कारागृह में बंद स्वतंत्रता सेनानी अपनी जेल के अंदर होने वाले अत्याचार एवं अपनी दयनीय स्थिति का वर्णन करते हुए कहता है की उन्हें जेल के अंदर अन्धकार में काली और ऊँची दीवारों के बिच डाकू, चोरों-उचक्कों के मध्य रहना पड़ रहा है जहाँ उनका कोई मान सम्मान नहीं है। जबकि स्वतंर्ता सेनानियों के साथ इस तरह का बर्ताव नहीं किया जाना चाहिए। आगे उनकी दयनीय स्थिती का पता चलता है जब वो बताते हैं की उन्हें जीने के लिए पेट भर खाना भी नहीं दिया जाता और उन्हें मरने भी नहीं दिया जाता है तात्पर्य यह है की उन्हें तड़पा तड़पा का जीवित रखना ही प्रशासन का उद्देश्य है। इस प्रकार उनकी स्वतंत्रता छीन ली गई है और उनके ऊपर रात दिन कड़ा पहरा लगा होता है। इस प्रकार शाशन उनके साथ घोर अन्नाय कर रहा है और इसी कारन चारो ओर सिर्फ निराशा ही निराशा है। और अब तो उन्हें आकाश में भी घोर अंधकार रूपी निराशा दिख रही जहाँ चन्द्रमा का थोड़ा सा भी प्रकाश नहीं है। इसलिए सवतंत्रा सेनानी की माध्यम से कवि कोयल से पूछता है। हे कोयल इतनी रात को तू क्यों जाग रही है और दूसरों को क्यों जगा रही है।
कवि को कुछ निम्नलिखित कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है
Explanation:
१,कवि उची दीवारो से बंधक बना हुआ है तथा उसे चोर डकुओ के बीच जीवन व्यतीत करने को विवश है
२,कवि को दो वक्त का खाना तो दूर एक वक्त का भोजन भी नसीब नही हो रहा है
३,कवि के अंदर जीने की आस ख़त्म हो चुकी है, वही वह मरने की चाह रखता है लेकिन यह भी उसके लिए संभव नही है क्योंकि शासन का कड़ा पहरा उसे यह कदम नही उठाने देगा
४ शासन को, कवि द्वारा तमम् के बुखार के संतुल्य माना है जिस प्रकार तम्म का बुखार इंसान को कमजोर कर देता है उसी प्रकार शासन ने उसकी स्थिति दयनीय कर दी है
५ कवि को हिमकर (ठंड ) से तकलीफ होती थी मगर रात्रि मे अंधेरा उसे और बेचेन कर देता है