Hindi, asked by sagarmalism60, 1 month ago

कवि किनसे ईर्ष्या न करने की कहता है?​

Answers

Answered by sb132213
4

Answer:

Explanation:

कवि किनसे ईर्ष्या न करने की कहता है? (क) जो आशावादी हैं (ख) जिन्हें अच्छे जीवन के स्वप्न भी नहीं आते (ग) जो निराशावादी हैं (घ) जो जीवन को सुखद मानते हैं ... (ग) जो विधान है वह निर्मम है (घ) विधान में जो कुछ है वह होकर ही रहता ह

Answered by tripathiakshita48
0

(क) जो आशावादी हैं

(ख) जो एक अच्छे जीवन का सपना भी नहीं देखते हैं

(ग) जो निराशावादी हैं

(घ) जो जीवन को सुखद मानते हैं

(ग) संविधान क्रूर है

(ड) संविधान जो कुछ है है और ऐसा ही रहता है।

ईर्ष्या अपने भक्त को एक विचित्र प्रकार का वरदान देती है और वह है सदा दुखी रहने का वरदान। जिसके हृदय में ईर्ष्या उत्पन्न होती है, वह अकारण ही कष्ट पाता है। वह अपने पास उपलब्ध शाश्वत सुखों का भोग करके भी भोग नहीं पाता; क्योंकि वह दूसरों की बातों को देखकर अपने मन में जलता रहता है। एक ईर्ष्यालु व्यक्ति अपनी तुलना किसी ऐसे व्यक्ति या व्यक्तियों से करता है जो किसी मामले में उससे श्रेष्ठ हैं।जब वह देखता है कि दूसरे के पास कोई निश्चित वस्तु है, पर उसके पास नहीं है, तब वह अपने को हीन समझने लगता है। उसकी कमी उसे परेशान करने लगती है और वह अपने पास उपलब्ध चीजों या संसाधनों का आनंद नहीं ले पाता है।

For more such questions on ईर्ष्या: https://brainly.in/question/31748317

#SPJ2

Similar questions