कवि मैथिली शरण गुप्त के अनुसार मनुष्य कब अहंकारी हो जाता है और क्यों
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कवि मैथिली शरण गुप्त के अनुसार मनुष्य कब अहंकारी हो जाता है और क्यों
कवि मैथिली शरण गुप्त के अनुसार मनुष्य कब अहंकारी तब हो जाता है , जब मनुष्य के पास अधिक धन आ जाता है | मनुष्य अपने को सबसे श्रेष्ठ मानने लगता है |
व्याख्या :
अधिक पैसा मनुष्य को अहंकारी बना देता है | वह अधिक पैसे आ जाने से वह घमंडी बन जाता है | वह अपनी धन-संपति को अपना सब कुछ मानने लगता है | वह भूल जाता है , संसार को चलाने वाला ईश्वर है , वह खुद को ही ईश्वर मानने लग जाता है | अधिक धन आने पर अपने बारे में सोचता है |
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