Hindi, asked by Hcjhvkv2496, 11 months ago

कवि ने आशा को बावली क्यों कहा है ?

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Answered by shishir303
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‘देवसेना का गीत’ कविता में कवि ‘जयशंकर प्रसाद’ ने आशा को बावली इसलिए कहा है क्योंकि अत्याधिक आशा मनुष्य को बावला कर देती है। कहने को तो आशा बलवती होती है, प्रेरणादायक होती है, लेकिन कभी-कभी यही आशा मनुष्य को बावला कर देती है। उतावला कर देती है, विशेषकर जब मनुष्य को प्रेम हो जाए तो प्रेम की आशा तो बहुत अधिक बावला कर देती है। प्रेम की आशा में मनुष्य इतना बावला हो जाता है कि वह खुद पर नियंत्रण नहीं रख पाता। वह हजारों सपने बनता है और वह उन सपनों के जाल में उलझा रहता है। अर्थात आवश्यकता या सामर्थ्य से अधिक पाने की आशा मनुष्य को बावला कर देती है। कवि ने इसीलिये आशा को बावली कहा है।

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