Hindi, asked by Usernameis4298, 1 year ago

काव्य - सौंदर्य स्पष्ट कीजिए -
(क) श्रमित स्वप्न की मधुमाया .............. तान उठाई।
(ख) लौटा लो ______________ लाज गँवाइ।

Answers

Answered by nikitasingh79
23

काव्य - सौंदर्य निम्न प्रकार से है -

(क) श्रमित स्वप्न की मधुमाया .............. तान उठाई।

देवसेना मानती है कि स्वप्न थक गए हैं परंतु आसक्ति अभी भी मिटी नहीं है। उसके कानों में विहाग का गीत गूंजता रहता है । तत्सम प्रधान शब्दावली है । 'श्रमित स्वप्न' उनींदी श्रुति में लाक्षणिक सौंदर्य दृष्टव्य है । अनुप्रास अलंकार है। श्रृंगार रस के वियोग पक्ष का मार्मिक चित्रण किया गया है। माधुर्यगुण तथा गेयता विद्यमान है । स्थिति विशेष का चित्रात्मक निरूपण किया गया है।

(ख) लौटा लो _____ लाज गँवाइ।

देवसेना को लगता है कि वह अब और अधिक संताप सहन नहीं कर सकेगी । इसलिए वह निष्ठुर संसार को कहती है कि उसने उसे जो कुछ दिया है उसे वह लौटा ले ।  वह तो अपने मन की लज्जा को भी रक्षा न कर सकने के कारण उसे भी खो बैठी है। तत्सम प्रधान लाक्षणिक शब्दावली है। देवसेना के हृदय की वेदना व्यक्त हुई है। श्रृंगार के वियोग पक्ष का मार्मिक चित्रण किया गया है। मानवीकरण अलंकार के द्वारा भावों का मानवीकरण किया गया है।  

आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।

इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न :

"मैंने निज दुर्बल ......... होड़ लगाई" इन पंक्तियों में 'दुर्बल पद बल' और 'हारी होड़' में निहित व्यंजना स्पष्ट कीजिए।

https://brainly.in/question/15408672

 

कवि ने आशा को बावली क्यों कहा है ?

https://brainly.in/question/15408674

Answered by Anonymous
21

Explanation:

वसंत पचंमी' के अमुक दिन कार्यालय में अवकाश होता है, जो इस बात का प्रमाण है कि वसंत आ गया है। कार्यालय में अवकाश होना किसी त्योहार के होने की ओर संकेत देता है। कवि को वसंत पंचमी के अवकाश का पता, तब चला जब उसने कैलेंडर में देखा तथा कार्यालय में अवकाश हुआ। कवि के अनुसार शहरी जीवन में मनुष्य प्रकृति में हुए बदलावों को देख नहीं पाता। शहरों में ऊँची-ऊँची इमारतों के जंगल खड़े हो गए हैं। चारों तरफ सीमेंट से बने घर हैं। यहाँ पर हरियाली और प्रकृति की सुंदरता मात्र सपना बनकर रह गई। अत: मनुष्य ऋतुओं को कैलेंडरों के माध्यम से जान पाता है जोकि एक दुखद बात है।

Similar questions