कवि ने अपने जीवन को मस्त क्यों कहा है?
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कवि को दुनिया की कोई परवाह नहीं है। न उसे किसी बात का दुःख है और ना ही किसी बात की खुशी। ... यही कारण है की कवि ने अपने जीवन को मस्त कहा है।
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Answer:
कभी खोना किसी दुनिया का परवाह है। ना उसे किसी बात से दुखी है ना उसे किसी बात से खुशी है।यही कारण है कि कवि ने अपने जीवन को मस्त कहा है।
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