Hindi, asked by singhmadhav1972, 8 months ago

कवि ने हंस किसे माना
है

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Answered by soumyasingh77
12

किस कविता मे?

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Answered by bhatiamona
1

कवि ने हंस किसे माना है :

कवि ने भक्ति भावना में डूबे रहने वाले साधू संतो और भक्तों को हंस माना है, जो दिन रात भक्ति भावना में डूबे रहते हैं।

व्याख्या :

कबीर ने अपने साखी के माध्यम से मानसरोवर और उसमें रहने वाले हंस को प्रतीक बनाकर इस संसार में भक्तों को उस संसार को मानसरोवर माना है, जिन्होंने ईश्वर रूप आनंद को पा लिया है। कबीर के अनुसार मानसरोवर में रहने वाले उन साधु-संतों और भक्त जनों को हंस माना है जो ईश्वर के ज्ञान रूपी मोती को चुगना चाहते हैं और ईश्वर की भक्ति रूपी सरोवर को छोड़कर कहीं नहीं जाना चाहते। उन्हें ईश्वर की भक्ति रूपी मुक्ता फल का आनंद मिल गया है और वह इस आनंद को निरंतर लेना चाहते हैं।

#SPJ3

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