३) कवि ने कैसी मृत्यु को सुमृत्यु कहा है ?
४) “मनुष्य मात्र बंधु है” – इस कथन का क्या तात्पर्य है ?
५) जापान के लोग अधिकतर किस रोग से ग्रस्त रहते हैं ? और क्यों ?
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3)कवि कहना चाहता है कि हमें ऐसा जीवन व्यतीत करना चाहिए जो दूसरों के काम आए। मनुष्य को अपने स्वार्थ का त्याग करके परहित के लिए जीना चाहिए। जो मनुष्य सेवा,त्याग और बलिदान का जीवन जीते हैं और किसी महान कार्य की पूर्ति के लिए अपना जीवन समर्पित कर देते हैं, उनकी मृत्यु सुमृत्यु कहलाती हैं।
4) मनुष्य मात्र बंधु है'से तात्पर्य है कि सभी मनुष्य आपस में भाई बंधु हैं क्योंकि सभी का पिता एक ईश्वर है। इसलिए सभी को प्रेम भाव से रहना चाहिए, सहायता करनी चाहिए। कोई पराया नहीं है। सभी एक दूसरे के काम आएँ।
5) जापानियों की सोचने की क्षमता बहुत तीव्र होती है। इसीलिए उनकी जीवन रफ्तार भी तेज होती है। जापानी लोग एक महीने का काम एक दिन में करने की क्षमता रखते हैं। इसी वजह से उनका दिमाग बहुत तेज चलता है। ज्यादा सोचने की वजह से उनके दिमाग का तनाव बढ़ जाता है और काम करना भी बंद कर देता है। जापान अमेरिका से प्रतिस्पर्धा रखता है। उनके जैसा या उनसे आगे निकलने के लिए भी वह अपने दिमाग को तेजी से चलाते हैं। जिससे जापान हर मामले में आगे निकल सके। इसी वजह से लेखक ने जापानियों के दिमाग में स्पीड का इंजन लगाने की बात कही है।