कवि ने प्रांत काल को नया क्यों कहा है
Answers
Answered by
2
Answer:
भोर के समय आकाश नीले शंख की तरह पवित्र लगता है। उसे राख से लिपे चौके के समान बताया गया है जो सुबह की नमी के कारण गीला लगता है। फिर वह लाल केसर से धोए हुए सिल-सा लगता है। कवि दूसरी उपमा स्लेट पर लाल खड़िया मलने से देता है। ये सारे उपमान ग्रामीण परिवेश से संबंधित हैं। आकाश के नीलेपन में जब सूर्य प्रकट होता है तो ऐसा लगता है जैसे नीले जल में किसी युवती का गोरा शरीर झिलमिला रहा है। सूर्य के उदय होते ही उषा का जादू समाप्त हो जाता है। ये सभी दृश्य एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। इनमें गतिशीलता है।
Explanation:
Answered by
0
Answer:
Explanation:
भोर के समय आकाश नीले शंख की तरह पवित्र लगता है।
Similar questions
Science,
2 months ago
Science,
2 months ago
Science,
5 months ago
Science,
5 months ago
Business Studies,
9 months ago
Business Studies,
9 months ago