कवि ने स्वयं को अन्य क्यों कहा यह दंतुरित मुस्कान कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए
Answers
Kyonki veh ghar se door rehta hai ,
adhikansh samay ghar se bahar rehta hai aur atithi ki treh kbhi bhi aa jaata hai
यह दंतुरित मुस्कान कविता के अंतर्गत कवि ने स्वयं को इतर या अन्य कहा है क्योंकि कवि बहुत दिनों बाद सन्यासी के रूप में बाहर रहकर लौटे थे | कवि बालक को पहचान गए किन्तु बालक के लिए कवि एक प्रवासी थे | बालक ने कवि को पहले कभी नहीं देखा था |
स्वयं को इतर या अन्य कहकर अपना क्षोभ व्यक्त कर रहे हैं | कवि बालक की माता को धन्य कहते है जिसने माध्यम बनकर कवि को बालक की जादुई दंतुरित मुस्कान से आनंदित किया है |
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