कवि ने यह क्यो कहा कि 'आए अज्ञात दिशा से अनंत के द्यन' ? उत्साह पाठ से आधारित कक्षा 10 हिन्दी.
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this Question is not understand
sorry bro
‘उत्साह’ कविता में कवि ‘सूर्यकांत त्रिपाठी निराला’ में जीवन में सकारात्मक को अपनाने का संदेश दिया है।
उत्साह कविता में कवि ने बादलों के माध्यम से यही संदेश देने का प्रयत्न किया है। बादल उत्साह और ऊर्जा एवं उमंग का प्रतीक है वह घोर गर्जना करते हैं और बरसते हैं जिससे मन में उत्साह का भाव का संचार होता है।
कवि ने यह क्यो कहा कि 'आए अज्ञात दिशा से अनंत के द्यन' ?
उत्तर: 'आए अज्ञात दिशा से अनंत के द्यन इसलिए कहा गया क्योंकि बादलों के आने की कोई दिशा ज्ञात नहीं है अर्थात बादलों की उत्पत्ति कहाँ से होती है , वह ज्ञात नहीं है| तुम्हारे आने से पहले भयंकर गर्मी के कारण लोग बेचैन और उदास है| अब मनुष्य कह रहा है की तुम पता नहीं अज्ञान दिशा से आए हो| हे बादल खुब बरसो और गर्मी के कारण तप्त धरती को शीतल कर दो|
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Q.8. निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
विकल विकल, उन्मन थे उन्मन
विश्व के निदाघ के सकल जन,
आए अज्ञात दिशा से अनंत के घन।
तप्त धरा जल से फिर
शीतल कर दो-
बादल, गरजो।
क) कौन विकल और उन्मन थे और क्यों ?