कवि पुष्य-पुष्प से क्या खींच लेना चाहता है
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प्रस्तुत कविता में फूलों को अनंत तक विकसित करने के लिए कवि अनेक प्रयास करता है। वह हर पुष्प से आलस्य रूपी नींद खींच लेना चाहता है। वह अपनी प्रसन्नता से अपने जीवन के अमृत से पुष्पों को खींचना चाहता है।
Explanation:
कवि की चाहत है कि वह पुष्प के जीवन के आलस्य, निराशा व प्रमाद को दूर करना चाहता है। वह अपने अनंत से सप्राण भेंट करना चाहता है। वह अपने जीवन की आभा, सुषमा व कर्तव्य भावना को यशस्वी बनाकर चारों ओर फैलाना चाहता है।
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