कवी रैदास, नामदेव, कबीर त्रिलोचन और साधना ka sanshipt parichay dijie
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मित्र रैदास ने अपने पदों में प्रभु की विशेषताओं तथा गुणों का बखान किया है। उनके प्रभु जाति-पांति तथा भेदभाव नहीं करते। उऩ्होंने नामदेव, कबीर, त्रिलोचन तथा सधना जैसे भक्तों का बखान किया है। ... यहाँ पर रैदास इनके माध्यम से यह बताना चाहते हैं कि उनके प्रभु ने छोटी जाति वाले अपने भक्तों को भी सम्मान दिलाया है।
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