Hindi, asked by ZoyaAhmad, 7 months ago

कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला ने बादलों से गरज कर बरसने के लिए क्यों कहा?​

Answers

Answered by aishwarya6373
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Answer:

क्योंकि कवि समाज मे परिवर्तन लाने के लिए लोगो के अंदर उत्साह एवं क्रांति की भावना पैदा करना चाहते है । बदलो के रिमझिम बरसने में मन मे शांति का अनुभव होता है। और बदलो के गरजने से मन उमंग और उत्साह का संचार होता है। इस कारण कवि ने ऐसा कहा है।

Answered by franktheruler
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कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला ने बादलों से गरज कर बरसने के लिए कहा है क्योंकि गरजना विद्रोह का प्रतीक है

  • यह प्रसंग उत्साह कविता से लिया गया है, इसके रचयिता हैं सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी।उस कविता के माध्यम से निराला जी लोगों को आह्वान कर रहे है।
  • सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी बादलों से रिमझिम बरसने या फुहार करने के लिए नहीं कह रहे परन्तु गरजने के लिए का रहे हा क्योंकि गरजना " विद्रोह " दर्शाता है।
  • इस गीत के माध्यम से कवि लोगों में क्रांति का संचार करना चाहते है इसलिए कविता का शीर्षक ही उत्साह है।
  • बादलों का उदाहरण देकर कवि निराश लोगों के मन में अाशा की उम्मीद जगाने चाहता है, सोये हुए लोगों को जगाना चाह रहा है।
  • बदल को कवि ने प्यासे लोगों की आकांक्षा पूरी करने वाला, नई कल्पना जे नए अंकुरके लिए विध्वंस तथा क्रांति व चेतना को जागृत कराने वाला , आदि उपमाएं दी है।
  • बादलों में नया जीवन आरंभ कराने की क्षमता है ऐसा कवि कहते है।

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