Hindi, asked by diva61anshi, 5 months ago

कवि साधु से क्या नहीं पूछने की बात कर रहा है? *


जाति

धर्म

ज्ञान

पहचान

class 8 hindi ch kabir ki sakhiyan​

Answers

Answered by prachit737
8

Answer:

dharm nhi puchna ki bast kr rha hai

Answered by SteffiPaul
0

कवि साधु से जाति नहीं पूछने की बात कर रहा है |

  • साधु-सज्जन व्यक्ति से उसकी जाति नहीं पूछना चाहिए, वरन् उसके ज्ञान को देखना चाहिए। उसके ज्ञान को आत्मसात करना चाहिए।
  • ‘तलवार का महत्व होता है, म्यान का नहीं’ से कबीर यह कहना चाहता है कि असली चीज़ की कद्र की जानी चाहिए। दिखावटी वस्तु का कोई महत्त्व नहीं होता। इसी प्रकार किसी व्यक्ति की पहचान अथवा उसका मोल उसकी काबलियत के अनुसार तय होता है न कि कुल, जाति, धर्म आदि से। उसी प्रकार ईश्वर का भी वास्तविक ज्ञान जरुरी है। ढोंग-आडंबर तो म्यान के समान निरर्थक है। असली बह्रम को पहचानो और उसी को स्वीकारो।
  • इन साखियों में कबीरदास जी कहते हैं कि हमें सज्जन पुरुष को उसके ज्ञान के आधार पर ही परखना चाहिए। अर्थात् हमें व्यक्ति की पहचान उसके बाहरी रूप से न कर के उसके अंतरिक गुणों के आधार पर करना चाहिए।
  • हमें अगर कोई बुरी बात कह रहा है तो हमें ध्यान नहीं देना चाहिए और उसे पलटकर बुरा भी नहीं कहना चाहिए नहीं तो बात बढ़ती जाती है। अगर एक व्यक्ति गाली देता है और सामने वाला तुरंत जवाब गाली  के रूप में देता है तो इस तरह से बात बढ़ जाती है, बिगड़ जाती है।
  • अतः हमें ऐसा नहीं करना चाहिए, उसकी कही हुई बात को तुरंत नज़र अंदाज करके वहीं खत्म कर देना चाहिए। आगे वो कहते हैं कि मनुष्य चचंल स्वभाव का होता है वह माला तो दिनभर फेरता है और प्रभुनाम लेता रहता है किन्तु उसका मन तो कही और ही भटक रहा होता है|

#SPJ3

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