कविता कहानी और नाटक से किस प्रकार भिन्न है
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O कविता कहानी और नाटक से किस प्रकार भिन्न है?
► कविता, कहानी और नाटक से इस प्रकार भिन्न होती है कि कविता साहित्य के दो प्रमुख अंगो गद्य और पद्य में से पद का रूप है। अर्थात कविता लयबद्ध होती है, वो काव्यात्मक रूप में रचित की जाती है, जबकि कहानी और नाटक गद्य का रूप होने के गद्यात्मक रूप में रचित किए जाते हैं।
कविता के द्वारा भावनाओं का प्रस्तुतीकरण किया जाता है। कल्पनाओं तथा बुद्धि के सहारे से कवि भावनाओं से भरे हुए काव्य की रचना करता है। कविता में भाव तत्व प्रधान होता है। कविता रस से ओतप्रोत होती है, उसमें अलंकार होते हैं। कविता कर्णप्रिय होती है अर्थात उसका श्रवण करने में आनंद की अनुभूति होती है। कविता लघु रूप में भी हो सकती है और दीर्घ रूप में भी हो सकती है।
जबकि कहानी और नाटक गद्य का रूप होते हैं। कहानी के माध्यम से किसी एक घटना या मनोभाव का रोचक और कौतूहल पूर्ण चित्रण किया जाता है। नाटक की कहानी का ही एक विस्तृत रूप होता है। कहानी एक ऐसी घटना होती है, जिसके माध्यम से विभिन्न चरित्रों को एक सूत्र में पिरोकर कर घटनाक्रम को व्यवस्थित रूप दिया जाता है। कहानी में रस नहीं होता बल्कि रोचकता होती है। कहानी में कविता की भांति अलंकार नहीं होते। नाटक कहानी का ही एक विस्तृत रूप होता है, जो कहानी के विस्तृत रूप को प्रकट करता है। किसी को लंबी कहानी को विभिन्न खंडों में बांटकर प्रस्तुत करना ही नाटक कहलाता है।
इस तरह कविता, कहानी और नाटक से बिल्कुल धन्य है। जहाँ कहानी और नाटक साहित्य के एक अंग गद्य की विधा है, जबकि कविता साहित्य के दूसरे अंग पद्य की विधा होती है ।
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